Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (22)

रश्मि के पास जाकर रोहित ने अपना हाथ रश्मि के हाथ के ऊपर रखा ओर अपने आप से कहा.....तुम्हारा ये हाल करने वालो को मैं छोड़ुगा नहीं रश्मि बस तुम एक बार उठ जाओ.....।
मैं चाहता हूँ कि तुम अपनी आँखों से उनका वो हश्र देखो......। प्लीज रश्मि अब बहुत सो लिया....! अब उठ भी जाओ....। 

ऐसा कहते हुए रोहित की आंखों में आंसू भर आए। 

रोहित ने अपने आप को संभाला ओर वहाँ से जाने लगा, तभी रश्मि के हाथों में हलचल हुई, रश्मि ने रोहित का हाथ पकड़ लिया...। 
रोहित की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, उसने तुरंत नर्स को बुलाया, नर्स जल्दी आओ।

नर्स भागती हुई आई....। 


क्या हुआ सर.....? नर्स बोली। 


रोहित लड़खडाती जुबान से बोला :- अभी रश्मि.....को.... उसने मेरा हाथ... वो... उसे देखो जल्दी.... डाक्टर को बुलाओ... जाओ.... 


रोहित कि आवाज सुन कर अलका भी भीतर आ गई।

 
क्या हुआ रोहित.....? 


अलका वो अभी रश्मि... वो मेरा... हाथ.... 


रोहित ठीक से बोल भी नहीं पा रहा था  ......खुशी उसकी आँखों में दिख रही थीं.....। 


अलका ने उसे संभालते हुए कहा :-  रोहित संभालो अपने आप को.... 


तभी नर्स जो रश्मि को चेक कर रही थी, वो घबरा कर डाक्टर को बुलाने के लिए भागी.....। 


रोहित ओर अलका दोनों वहाँ खड़े रश्मि को उठाने कि कोशिश करने लगे। 

तभी डाक्टर अंदर आया ओर उसने रोहित ओर अलका को बाहर जाने के लिए कहा। 
रोहित बाहर आया ओर अलका से बोला :- उसने मेरा हाथ पकड़ा था अलका.....मैं सच कह रह हूँ.....फिर वो उठ क्यूँ नही रही......। अलका अगर रश्मि को कुछ भी हुआ तो मैं भी जिंदा नहीं रह पाऊंगा। 
तुम नहीं जानती अलका ..... मैं पहली नज़र में ही उसे अपना बना बैठा था। उसका गुस्सा, उसकी मासुमियत, उसकी आंखे, उसकी सादगी.....। मैंने आज तक कही नही देखी....। मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ अलका.....। मेरी जिंदगी में रश्मि ही पहली लड़की हैं अलका, मैं उसके बिना कुछ नहीं कर पाऊंगा....। मैं मर जाऊंगा उसके बिना.... प्लीज अलका..... प्लीज उसे उठाओ... मैं दुनिया की हर खुशी उसके कदमों में रख लूंगा... बस एक बार उसे उठा दो अलका.... 

ऐसा कहते कहते रोहित रोने लगा ओर अलका के गले लग गया....। 


(अलका समझ तो पहले ही गई थीं की रोहित के दिल में क्या हैं.... पर आज रोहित के इजहार से... एक तरफ़ रश्मि के लिए खुश थीं तो दूसरी तरफ़ राहुल के लिए मायुस भी हुई... क्योंकि वो ही जानती थीं की राहुल भी रश्मि को कितना प्यार करता हैं....। लेकिन इस वक्त उसका रोहित को संभालना भी जरूरी था...। ) 


अलका उसे संभालते हुए बोली :-  उसे कुछ नहीं होगा रोहित, जिसके पास इतना प्यार करने वाला शख्स हो, उसे कुछ कैसे हो सकता है, ओर अब तो आंटी को भी.... रोहित रश्मि बहुत तड़पी हैं......माँ के प्यार के लिए.....। तुम जानते हो रोहित जब रश्मि को होश आएगा ना तो वो उसकी जिंदगी का सबसे यादगार लम्हा होगा, उसे माँ का प्यार, तुम्हारा साथ, सब कुछ मिल जाएगा...।बस विश्वास रखो रोहित सब ठीक हो जाएगा....। 


रोहित ओर अलका बैचेनी से डाक्टर का इंतजार कर रहे थें। 
तभी वहाँ एक शख्स आया। जिसके हाथों में कुछ पेपर्स थे। 
वो शख्स रोहित के पास आया ओर पेपर्स रोहित की तरफ़ देते हुए बोला :- रिषभ सर ने भिजवाए है। जल्दी से साइन करके दिजिए। 


रोहित ने पेपर्स लिए ओर उनको देखने लगा। 


रोहित क्या हैं ये, किस बात के पेपर्स हैं, कौन हैं ये रिषभ...,बताओ मुझे रोहित......? 


सब बताता हूँ अलका!! 
बस थोड़ा इंतजार ओर करो। 

रोहित ने तुरंत उन सभी पेपर्स पर अपने हस्ताक्षर किए ओर वो सब कागजात उस शख्स को देते हुए बोला, अभी पहले रिषभ से मेरी बात करवाओ....। 


उस शख्स ने रिषभ को फोन लगाया...। 


 हां बोलो जय....। रोहित ने साइन कियें.....? 

हां सर....। लिजीए बात किजिए।
 ऐसा कहकर उसने फोन रोहित को दे दिया। 


जैसा तुमने कहा वैसा कर दिया अभी मेरी बात करवाओ पहले आंटी से....। 


थैंक्स बिग बि....।लो बात करो...। 
रिषभ ने रश्मि की मां के कानों पर फोन रखते हुए कहा। 


 आंटी आप ठीक हैं.....? 


हां बेटा मैं ठीक हूँ...., रश्मि कैसी हैं.....? उसे होश आया....? 


रोहित कुछ देर सोचते हुए बोला :- हां आंटी अभी रश्मि बिल्कुल ठीक हैं....। 


रिषभ ने उन के कानों से फोन हटाते हुए कहा :- देखो बिग बि.. कोई चालाकी करने की कोशिश भी मत करना। मुझे पता है तुम बहुत कुछ कर सकते हो पर ये मत भुलना कि मैं भी तेरा भाई हूँ......पेपर्स मेरे हाथ में आते ही .....मैं आंटी को सही सलामत भिजवा दूंगा......गुड बाय.....। 


ऐसा कहकर रिषभ ने फोन रख दिया। 
रोहित ने फोन उस शख्स को दिया ओर वो शख्स वहाँ से चला गया.....। 

उसके जाते ही रोहित ने किसी को मैसेज किया। 

अलका ने फिर से रोहित से पुछा :- रोहित कौन था वो....! 


 अलका वो जो कोई भी था .......बहुत जल्द मेरी गिरफ्त में होगा......। तुम घबराओ मत।
 
 
 पर रोहित वो पेपर्स कैसे थें.....! 


वो कागजात मेरी प्रोप्रटी के थें.....।अभी ओर कोई सवाल मत करो ओर इस वक़्त बस रश्मि के लिए दुआ करो की.....उसे जल्दी से होश आ जाए......। 


रोहित ओर अलका दोनों हास्पिटल में बने मंदिर के बाहर खड़े हो गए.....। दोनों मन ही मन प्रार्थना करने लगे। 


अलका मन ही मन बोलने लगी.........प्लीज बाबा जी... रश्मि को जल्द से जल्द ठीक कर दो.....। कितना तड़पी है वो अपनो के प्यार के लिए.......। आज उसकी जिंदगी में माँ का प्यार, रोहित का साथ सब मिल रहा हैं......प्लीज भगवान जी उसे ठीक कर दो। 


रोहित भी मन ही मन बोल रहा था........मैं नहीं जानता भगवान कि रश्मि के दिल में मेरे लिए क्या है, लेकिन मैं उसे सच्चे मन से बेइंतहा प्यार करता हूँ। उसके बिना जीना तो मैं सोच ही नहीं सकता.....। आपने अगर उसे मेरी जिंदगी में भेजा हैं.....तो अब उसे मुझसे दूर मत करो....। मेरा विश्वास बनाए रखो.... मेरा भरोसा बनाए रखो। अगर रश्मि को कुछ हो गया तो मैं अपने आप को कभी माफ नहीं कर पाऊंगा। कभी नहीं। 


तभी डाक्टर रश्मि के कमरे से बाहर आए। 
अलका ओर रोहित दोनों तुरंत डाक्टर के पास गए। 


रश्मि कैसी है डाक्टर?? 
डाक्टर-रोहित आई एम सॉरी पर अभी कि कंडीशन मेरे हाथ में नहीं है। 


रोहित-मतलब.....? 


रश्मि को बार बार कुछ पल के लिए होश आता हैं......फिर वापस बेहोशी में चली जाती हैं, ओर उस पर कोई दवाई भी असर नहीं कर रही। मैंने अपनी तरफ़ से हर मुमकिन कोशिश करके देख ली है पर.... 


रोहित बीच में चिल्लाते हुए :- पर क्या.......! तुम कहना क्या चाहते हो रश्मि को कभी होश नहीं आएगा.....। तुम पागल हो गए हो डाक्टर...  अगर तुमसे कुछ नहीं हो रहा तो अब मैं खुद जा रहा हूँ......रश्मि के पास.....। अभी थोड़ी देर पहले उसने मेरा हाथ पकड़ा था.....।। ऐसे कैसे कह सकते हो तुम.....। सिर्फ बेहोशी के ओवर डो़ज से..... कितना पैसा चाहिए तुम्हे बोलो डाक्टर... ये सब तुम पैसो के लिए बोल रहे हो ना.....! 


रोहित... बात पैसो की नहीं हैं.....। 
मैं बस इतना कह रहा हूँ कि......बात मेरे हाथ में नहीं हैं....। मैंने अभी एक बहुत बड़े न्यूरोलॉजिस्ट को फोन किया है आगे का इलाज अब वो ही करेंगे। 
मैं उनके आने की तैयारी करता हूँ। ऐसा कहकर डाक्टर अपने केबिन में चले गए....। 


डाक्टर के जाते ही अलका ओर रोहित के पैरों से मानो जमीन खसक गई हो, दोनों बेसुध होकर जमीन पर गिर पड़े। 

तभी रोहित को किसी का फोन आया.....। 
रोहित ने अपने आप को संभालते हुए कहा :- हैलो आकाश.. 



सर काम हो गया हैं। 
पर..... रिषभ हमारे हाथों से बच निकला....। 


रोहित- ओके....आंटी....? 


सर वो बिल्कुल ठीक हैं....। मेरा एक आदमी उनको लेकर हास्पिटल की ओर ही आ रहा हैं....। 


सर आपके चाचा जी...? 


फिलहाल तुम सबको अपनी गिरफ्त में ले लो। मैं बाद में आकर तुमसे मिलता हूँ....। 


ठीक है सर....। बाय.....। 


रोहित ने....थैंक्स आकाश कहकर फोन रख दिया.....। 



# कहानीकार प्रतियोगिता...... 


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क्या रश्मि ठीक हो पाएगी...? 
क्या होगा जब राहुल को रोहित के बारे में पता चलेगा..? 
क्या अलका इस लव ट्राएंगल को सुलझा पाएगी.....? 
रिषभ की अगली चाल क्या होगी...? 

जानने के लिए इंतजार करें अगले भाग का...। 


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